Friday, 7 December 2007

रोया है हर दिन मैंने, मैखाने में मॅन के

रोया है हर दिन मैंने, मैखाने में मॅन के
भर लिया आंसुओं को सब, पैमाने में दिल के
प्याला भी भर के छलका, आंसू हुए न कम

हस्ता हूँ बनके बेदर्द, ज़माने में मर के
मोहक

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